गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)

गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)

गुर्दे की पथरी (Kidney Stone)

पेट के निचले हिस्से में या मुत्राशय में तेज दर्द पथरी की निशानी हो सकती है। यह एक ऐसी समस्या है जो किसी भी इंसान को हो सकती है। गुर्दे की पथरी में जो दर्द होता है वह बेहद असहनीय हो जाता है। इस बीमारी को समझना और इससे दूर रहने के उपाय जानना बेहद आवश्यक है।

गुर्दे की पथरी (About Kidney Stone in Hindi) 
गुर्दे की पथरी (Gurde ki Pathr​i) की समस्या तब पैदा होती है जब गुर्दे (Kidney) के अंदर छोटे-छोटे पत्थर बन जाते है। ये आमतौर पर मध्य आयु यानि चालीस साल या उसके बाद पता लगने शुरू होते है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। गुर्दे की पथरी कम आयु वाले बच्चों और युवाओं में भी देखने को मिलती है।
मूत्र में पाये जाने वाले रासायनिक तत्वों से मूत्र के अंगों में पथरी बनती है। इन तत्वों में यूरिक एसिड, फास्फोरस कैल्शियम और ओ़क्जेलिक एसिड शामिल हैं। लगभग 90 प्रतिशत पथरी का निर्माण कैल्शियम ओक्जेलेट (Calcium Oxalate) से होता है।
गुर्दे में एक समय में एक या अधिक पथरी हो सकती है। सामान्यत: ये पथरियाँ बिना किसी तकलीफ के मूत्रमार्ग से शरीर से बाहर निकल जाती हैं। हालांकि, यदि ये पर्याप्त रूप से बड़ी हो जाएं, 2-3 मिमी, तो ये मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। इस स्थिति में मूत्रांगो के आस-पास असहनीय पीड़ा होती है।
गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) का दर्द आमतौर पर काफी तेज होता है। पथरी जब अपने स्थान से नीचे की तरफ़ खिसकती है तब यह दर्द पैदा होता है। पथरी गुर्दे से खिसक कर युरेटर और फिर यूरिन ब्लैडर में आती है।
बच्चों में पथरी (Kidney Stone in Kids)
कुपोषित बच्चों के मूत्राशय में पत्थर कभी-कभी सामान्य से बड़े बन जाते हैं। ये कुपोषण के कारण शरीर के प्रोटीन के टूट जाने के कारण बनते है। जिसमें पेशाब में फालतू पदार्थों का जमाव हो जाता है। ये कण लवणों के जमाव के लिए केन्द्रक के रूप में काम करते हैं।
गुर्दे की पथरी के लक्षण
  • गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं
  • दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भी हो सकती है
  • दर्द बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है
  • पथरी के लक्षण और चिन्ह पेशाब के पत्थरों का आकार जगह, साइज और पेशाब के बहाव में अवरोध के पैमाने पर निर्भर करता है
  • पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है
  • यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है। अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना
  • यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं
  • यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है
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गुर्दे की पथरी के कारण (Reason of Kidney Stone)
पेशाब की पथरी पेशाब में उपस्थित लवणों व खनिजों के जमाव से बनती हैं। जब लवणों और खनिजों की परतें विभिन्न जगहों पर जमा होती जाती हैं तो इन महीन पत्थरों का आकार बढ़ता जाता है। ये सभी लवण और खनिज खाने की चीजों व पानी से शरीर में आए होते है। कुछ सब्जियां जैसे पालक, अरबी के पत्ते और टमाटरों में बहुत अधिक लवण होते हैं।
जमीनी पानी में भी काफी सारे लवण होते हैं। कुएँ या बोरवेल का पानी भी पथरी बनने का कारण होता है। ये लवण धीरे-धीरे करके शरीर में जमा हो जाते हैं और पत्थर बना लेते हैं।
फॉस्फेट और कॉर्बोनेट के पत्थरों की सतह मुलायम होती है और ऑक्जेलेट के पत्थरों की खुरदुरी । इस कारण से ऑक्जेलेट के पत्थरों के कारण खून भी निकल सकता है।

गुर्दे की पथरी के कारण (Causes of Kidney Stone)

पथरी एक आम बीमारी है जो अकसर गलत-खानपान के कारण भी हो जाती है। इस बीमारी के कुछ मुख्य कारण निम्न हैं:
  • हर दिन पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन न करना
  • कैफीन और शराब का अधिक उपयोग करना
  • मूत्र मार्ग में संक्रमण होना
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सामान्य उपचार

​गुर्दे की पथरी होने पर कई बार घरेलू उपाय भी कारगर होते हैं। गुर्दे की पथरी होने पर ज्यादा से ज्यादा खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा गुर्दे की पथरी होने पर निम्न उपाय भी अपनाने चाहिए जैसे:

गुर्दे की पथरी का इलाज (Treatment of Kidney Stone in Hindi)
  • पथरी के मरीज को दिन में कम से कम 5-6 लीटर पानी पीना चाहिये। पथरी होने पर पर्याप्त जल पीयें ताकि 2 से 2.5 लीटर मूत्र रोज बने। अधिक मात्रा में मूत्र बनने पर छोटी पथरी मूत्र के साथ निकल जाती है
  • आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन तथा सोडियम की मात्रा कम हो।
  • ऐसा भोजन करें जिनमें आक्जेलेट् की मात्रा अधिक हो; जैसे चाकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक, आदि के साथ कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रहें।
  • नारंगी आदि का रस (जूस) लेने से पथरी का खतरा कम होता है।
  • डॉक्टर पथरी के मरीजों को अंगूर और करेला आदि भी खाने की सलाह देते हैं।
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किडनी में पथरी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies For Kidney Stone)

किडनी में स्टोन यानि पत्थर होना (जिसे पथरी भी कहते हैं) अब एक कॉमन बीमारी हो गई है। पेशाब में यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम और ऑक्जेलिक एसिड जैसे केमिकल के बढ़ने की वजह से किडनी में पत्थर या पथरी होता है। विटामिन डी के अत्यधिक सेवन, शरीर में मिनरल्स की मात्रा में असंतुलन, डिहाइड्रेशन या फिर असंतुलित डायट से भी किडनी में स्टोन होता है।
पेशाब अगर काफी गाढ़ा हो रहा हो तो यह किडनी में पत्थर होने का लक्षण है। पथरी होने पर काफी असहनीय दर्द होता है। पेशाब करने में भी काफी दर्द होता है। वैसे तो पथरी होने पर सर्जरी की जाती है, मगर इसके कई घरेलू इलाज भी हैं।
किडनी में पथरी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Kidney Stone)
कुर्थी दाल (Kurthi Daal)
पथरी को गलाने में कुर्थी दाल काफी असरदार होता है। कुर्थी दाल को पका कर भी खा सकते हैं, लेकिन कुर्थी दाल का पानी पीना सबसे कारगर होता है।

नारियल पानी (Coconut Water)
किडनी के सेहत के लिए नारियल काफी फायदेमंद है। नारियल पानी पथरी को गलाता है। पथरी होने पर नारियल पानी सुबह पीना चाहिए।
हरी इलाइची (Green Cardamom)
हरी इलाइची के भी बड़े औषधीय गुण हैं। इलाइची का सेवन किडनी के बीमारी में काफी फायदेमंद होता है। हरी इलायची, खरबूजे के बीज की गरी और मिश्री को पानी में मिलाकर पीने से किडनी की पथरी निकल जाती है।
जामुन (Blackberry)
जामुन डाइबिटीज समेत कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है। पथरी के इलाज में भी यह काफी असरदार है।
आंवला (Amla)
आंवला सिर्फ केश कांति बढ़ाने में ही काम नहीं आता है। इसके कई औषधीय गुण भी हैं। किडनी के पथरी को गलाने में यह काफी कारगर है। आंवले का चूर्ण मूली के साथ खाने से पथरी गल जाती है।
जीरा (Cumin seeds)
जीरे की तासीर सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। हर भारतीय के घर में मसाले के रुप में उपयोग किए जाने वाले जीरे के काफी औषधीय गुण हैं। जीरा को चीनी के साथ पीसकर ठंडे पानी के साथ पीने से किडनी के पथरी गलते हैं।
सहजन (Moringa Oleifera)
सहजन ही एकमात्र ऐसी सब्जी है जिसमें प्रचुर मात्रा में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। चिकनपॉक्स, मिजल्स समेत कई तरह की वाइरल बीमारियों से बचाने का काम करती है सहजन। इसके सेवन से किडनी की पथरी भी गलती है।
और भी हैं घरेलू इलाज (Some more home remedies)
  • मिश्री, सौंफ, धनिया को रात में पानी में भींगने के लिए छोड़ दीजिए। सुबह पानी को छानकर सौंफ और धनिया को पीस कर घोल बना लीजिए और फिर इस घोल को पी‍ लीजिए। पथरी गल जाएगी।
  • तुलसी के बीज को शक्कर व दूध के साथ लेने से पथरी गल जाती है।
  • जीरे को मिश्री या शहद के साथ लेने से पथरी गल कर पेशाब के साथ निकल जाती है.
  • बेल का शर्बत या बेल खाने से भी किडनी की पथरी गलती है।
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