चिरचिटा – अपामार्ग की जड़ और पेड़ के फायदे Chirchita – Apamarg Ki Jad – Plant Ke Fayde

चिरचिटा – अपामार्ग की जड़ और पेड़ के फायदे Chirchita – Apamarg Ki Jad – Plant Ke Fayde

चिरचिटा – अपामार्ग की जड़ और पेड़ के फायदे Chirchita – Apamarg Ki Jad – Plant Ke Fayde

अपामार्ग का पौधा (Apamarga Tree) भारत के समस्त शुष्क स्थानों पर उत्पन्न होता है। यह गांवों में अधिक मिलता है। खेतों के आसपास घास के साथ आमतौर पर पाया जाता है। इसकी ऊंचाई सामान्यतया 2 से 4 फुट होती है। लाल और सफेद दो प्रकार के अपामार्ग (Apamarg) आमतौर पर देखने को मिलते हैं।
सफेद अपामार्ग (Safed Apamarg) के डंठल व पत्ते हरे रंग के, भूरे और सफेद रंग के दाग युक्त होते हैं। इसके अलावा फल चपटे होते हैं, जबकि लाल अपामार्ग का डंठल लाल रंग का और पत्तों पर लाल-लाल रंग के दाग होते हैं। फल चपटे और कुछ गोल होते हैं। इस पर बीज नोकीले कांटे के समान लगते हैं। दोनों प्रकार के अपामार्ग के गुणों में समानता होती है। फिर भी सफेद अपामार्ग श्रेष्ठ माना जाता है। इनके पत्ते गोलाई लिए हुए 1 से 5 इंच लंबे होते हैं। चौड़ाई आधे इंच से ढाई इंच तक होती है। पुष्प मंजरी की लंबाई लगभग एक फुट होती है, जिस पर फूल लगते हैं। फल शीतकाल में लगते हैं और गर्मी में पककर सूख जाते हैं। इनमें से चावल के दानों के समान बीज निकलते हैं। इसका पौधा वर्षा ऋतु में पैदा होकर गर्मी में सूख जाता है।
विभिन्न भाषाओं अपामार्ग के में नाम
  • संस्कृत (Apamarg In Sanskrit)- अपामार्ग।
  • हिंदी (Apamarg In Hindi) – चिरचिटा।
  • मराठी (Apamarg In Marathi) – अघाड़ा।
  • गुजराती (Apamarg In Gujrati)- अधेड़ों।
  • बंगाली (Apamarg In Bengali)- अपांग।
  • अंग्रेजी (Apamarg In English)- प्रिकलीचाफफ्लावर (Prickly Chalfflower)।
  • लैटिन (Apamarg In Latin) -एचिरेन्थसऐस्पेरा (Achyranthes Aspera) |
अपामार्ग के औषधीय गुण Apamarg Ke Gun
आयुर्वेदिक मतानुसार अपामार्ग तिक्त, कटु, तीक्ष्ण, गर्म प्रकृति, विपाक में कटु होता है। यह अग्निप्रदीपक, दस्तावर, चरपरा, पाचक, रुचिकारक और दर्द-निवारक, विष, कृमि व पथरी नाशक,रक्तशोधक, ज्वरहर, श्वास रोग नाशक, क्षुधा नियंत्रक, सुखपूर्वक प्रसव हेतु एवं गर्भधारणार्थ उपयोगी है।
यूनानी मतानुसार अपामार्ग पहले दर्जे की शीतल, वीर्यवद्धक, कामोद्दीपक, मूत्रल तथा धातुपरिवर्तक है।
वैज्ञानिक मतानुसार अपामार्ग के किए गए रासायनिक विश्लेषण से इसमें 30 प्रतिशत पोटाश क्षार, 13 प्रतिशत चूना, 7 प्रतिशत सोरा क्षार, 4 प्रतिशत लोहा, 2 प्रतिशत नमक एवं 2 प्रतिशत गंधक पाया गया है। पत्तों की अपेक्षा जड़ की राख में ये तत्व अधिकता से मिलते हैं।
अपामार्ग इस्तेमाल करने की मात्रा How To Take Chirchita
पत्र, मूल व बीज का चूर्ण 3 से 5 ग्राम। पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर। भस्म 500 मिलीग्राम से1 ग्राम।
चिरचिटा – अपामार्ग से रोगों का इलाज Apamarg Ki Jad – Plant Ke Fayde Hindi Me
चिरचिटा यानी आपमार्ग कई रोगों के इलाज में लाभकारी होता है | इसके कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं –
  1. विषैले जीवों के काटने पर Apamarg Se Vish Ke Upchar Me
जानवरों के काटने व सांप, बिच्छू, जहरीले कीड़ों के काटे स्थान पर अपामार्ग के पत्तों का ताजा रस लगाने और पत्तों का रस 2 चम्मच की मात्रा में 2 बार पिलाने से विष का असर तुरन्त घट जाता है और जलन, दर्द में आराम मिलता है। पत्तों की पिसी हुई लुगदी को दंश के स्थान पर पट्टी से बांध देने से सूजन नहीं आती और वेदना दूर हो जाती है। सूजन चढ़ चुकी हो, तो शीघ्र ही उतर जाती है।
  1. दांत रोग के इलाज में Daant Rog Ke Upchaar Me
अपामार्ग के फूलों की मंजरी को पीसकर नियमित रूप से दांतों पर मलकर मंजन करने से दांत मजबूत होते जाते हैं। पत्तों के रस को दुखते दांतों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है। तने या जड़ की दातौन करने से भी दांत मजबूत होते एवं मुंह की दुर्गन्ध नष्ट होती है।
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  1. प्रसव सुगमता से होने के लिए Apamarga Root For Normal Delivery
प्रसव में ज्यादा विलम्ब हो रहा हो और असहनीय पीड़ा की अनुभूति हो रही हो, तो रविवार या पुष्य नक्षत्र वाले दिन जड़ सहित उखाड़ी सफेद अपामार्ग की जड़ काले कपड़े में बांधकर प्रसूता के गले में बांधने या फिर कटि प्रदेश में बांधने से शीघ्र प्रसव हो जाता है। प्रसव के तुरंत बाद जड़ शरीर से अलग कर देनी चाहिए, अन्यथा गभाशय भी बाहर निकल सकता है। जड़ को पीसकर पेडू पर लेप लगाने से भी यही लाभ मिलता है। लाभ होने के बाद लेप पानी से साफ कर दें। Ling Tight Karne Ki Dawa
  1. स्वप्नदोष को ठीक करने के लिए Swapndosh Ke Gharelu Upchar Me
आयुर्वेद में पुरुषों के रोगों के उपचार में भी इसका प्रयग किया जाता है | अपामार्ग की जड़ का चूर्ण और मिसरी बराबर की मात्रा में पीसकर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार एक-दो हफ्ते तक सेवन करें तो फायदा होगा |
  1. मुंह के छाले में आराम Muh Ke Chhale Ke Upchar
मुह के छालों अपामार्ग से फायदा होता है | इसके लिए अपामार्ग के पत्तों का रस छालों पर लगाएं तो इसमें आराम मिलता है | आपको 2 दिन में ही फायदा हो जायेगा और पूरी तरह ठीक होने के लिए 7 दिन लग सकते हैं |
  1. शीघ्रपतन के इलाज में Apamarg Se Shighrapatan Ka Gharelu Upchar
अपामार्ग की जड़ को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। इसका चूर्ण बनाकर 2 चम्मच की मात्रा में लेकर एक चम्मच शहद मिला लें। इसे एक कप ठंडे दूध के साथ नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक सेवन करने से स्तम्भन बढ़ता है। sex power increasing medicine
  1. संतान प्राप्ति के लिए Chirchita Se Santaan Paye
अपामार्ग की जड़ को एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ ऋतुकाल के बाद नियमित रूप से 21 दिन तक सेवन करने से गर्भधारण होता है। उद्देश्य के लिए दूसरे प्रयोग के रूप में ताजे पत्तों के दो चम्मच रस में एक कप दूध के साथ ऋतुस्नान के बाद नियमित सेवन से भी गर्भ स्थिति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
  1. भूख कम करने के लिए Bhookh Kam Karne Ke Liye Apamarg Ka Prayog
अधिक भोजन करने के कारण जिनका वजन बढ़ रहा या खीर बनाकर नियमित सेवन करना चाहिए। इसके प्रयोग से शरीर की चर्बी धीरे-धीरे घटने भी लगेगी।
  1. शरीर पुष्टि हेतु Body Ko Strong Banane Me
अपामार्ग के बीजों को भूनकर इसमें बराबर की मात्रा में मिसरी मिलाकर पीस लें। एक कप दूध के साथ 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से शरीर में पुष्टता आती है।
  1. सिर दर्द को ठीक करने में Sir Dard Ke Upchar Me
अपामार्ग की बाहरी तासीर ठण्ड होती है इसलिए यह सिर दर्द में भी फायदा करता है | इसके लिए अपामार्ग की जड़ को पानी में घिसकर बनाए लेप को मस्तक पर लगाने से सिर दर्द दूर होता है।
  1. मलेरिया से बचावMalaria Ka Gharelu Upchar
अपामार्ग के पत्ते और काली मिर्च बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें, फिर इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर मटर के दानों के बराबर की गोलियां तैयार कर लें। जब मलेरिया फैल रहा हो, उन दिनों एक-एक गोली सुबह-शाम भोजन के बाद नियमित सेवन करने से इस ज्वर का शरीर पर आक्रमण नहीं होगा। इन गोलियों का 2-4 दिन सेवन पर्याप्त होता है।
  1. गंजापन के इलाज में Ganjapan Ke ilaj Me
कड़वे तेल (सरसों) में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुनः बाल उगने की संभावना होगी।
  1. खुजली को ठीक करने के लिए Khujali Ko Theek Karne Ke Liye
अपामार्ग के पांचों अंगों की समान मात्रा को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें और इससे स्नान करें। नियमित रूप से स्नान करते रहने से कुछ ही दिनों में खुजली दूर हो जाएगी।

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