कुष्ठ रोग- लक्षण, कारण, इलाज ! Leprosy- Symptoms, Causes, Treatment

कुष्ठ रोग- लक्षण, कारण, इलाज ! Leprosy- Symptoms, Causes, Treatment

कुष्ठ रोग- लक्षण, कारण, इलाज ! Leprosy- Symptoms, Causes, Treatment

कुष्ठ रोग (Leprosy) को भारत में कोढ़ भी कहते है| कुष्ठ रोग (Leprosy) एक प्रकार के रोगाणु या जीवाणु से होता है| यह जीर्ण रोग जो मैकोबैक्टीअरम लेप्रेई (Mycobacterium Leprae) नामक जीवाणु (वैक्टीरिया) के कारण होता है| यह ज्यादातर मानव त्वचा, उपरी श्वसन पथ की श्लेस्मिका, प्रिधिए तंत्रिकाओ, आखों और शरीर के कुछ अन्य भागों की क्षति का कारण भी बनता है| यह रोग प्राचीन काल से है यह अक्सर भयानक और नकारात्मक कड़वाहट से घिरा हुआ है| क्योंकी कुष्ठ रोगी (Leprosy) से लोग ऐसा व्यवहार करते है जैसे उसको समाज ने त्याग दिया हो| पहले ये डर भी था की यह संक्रमण रोग है लेकिन यह रोग संक्रमण नही बल्कि रोगाणु से होता है|
हम इसे दुसरे रोगी से तभी ले सकते है जब हम उसके साथ गहरे सम्पर्क में होते है| कुष्ठ रोग (Leprosy) से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत अफ्रीका और दक्षिणी अमरीका में ये रोग व्यापक है| यह रोग वयस्कों की तुलना में बच्चों को होने की सम्भावना ज्यादा रहती है| आज विश्व स्वास्थ्य सन्गठन के अनुसार 180000 लोग कुष्ट रोग से प्रभावित है जो ज्यादातर अफ्रीका और भारत में है|

कुष्ठ रोग के प्रकार (TYPE OF LEPROSY)

कुष्ठ रोग सामान्यत तीन प्रकार का होता है|
तंत्रिका कुष्ट रोग (Nerve Leprosy)
तंत्रिका कुष्ठ रोग से मनुष्य के शरीर के प्रभावित अंगों की सवेदंशीलता समाप्त हो जाती है| चाहे प्रभावित हिस्से को काट भी देगे तो रोगी को कुछ भी पता नही चलता है| यानि की उसको दर्द महसूस नही होता|
ग्रन्थि कुष्ठ रोग (Lepromatous Leprosy)
ग्रन्थि कुष्ठ रोग से शरीर मेंविभिन्न रंग के  चकते व धब्बे पड़ जाते है| और शरीर में गाठे उभर आती है|
मिश्रित कुष्ठ रोग (Mixed Leprosy)
मिश्रित कुष्ठ रोग में रोगी के प्रभावित अंगों की समाप्त सवेदंशीलता के साथ साथ दाग धब्बे पड़ जाते है और शरीर के प्रभावित क्षेत्र में गाठे निकल आती है|

कुष्ठ रोग के लक्षण (SYMPTOMS OF LEPROSY)

  1. शरीर में चकते, धब्बे और चकते और धबो के क्षेत्र में असवेदंशीलता होना|
  2. प्रभावित क्षेत्र में गाठों का उभरना|
  3. प्रभावित क्षेत्र से मवाद व द्रव का बहना|
  4. घाव का ठीक ना होना और लगातार खून का निकलना|
  5. धीरे धीरे अंगों और त्वचा का गलना और नष्ट होना|
कुष्ठ रोग के कारण (Causes of Leprosy)
  1. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का किन्ही कारणों से कमजोर होना|
  2. पर्याप्त मात्र में पौष्टिक भोजन का ना मिलना|
  3. लम्बे समय तक दूषित भोजन और दूषित पैय का प्रयोग करना|
  4. शरीर में किन्ही कारणों से खून का खराब हो जाना|
  5. अधिक मिर्च मसालों और तले हुए पदार्थो का खाने में प्रयोग करना|
  6. अधिक नशीली चीजो का प्रयोग करना भी एक कारण हो सकता है|
  7. अत्यधिकदवाओंकाप्रयोगकरनाबिनाचिकत्सककीसलाहके|

कुष्ठ रोग का इलाज (TREATMENT OF LEPROSY)

यहां कुछ दवाओं का विवरण है जिनकी कुष्ठ रोग के इलाज के लिए सिफारिस की जाती है|
डैपसोन (Dapsone)
  1. यह दवा एक संक्रमक विरोधी है जो वैक्टीरिया से लडती है|
  2. इस दवा के सिफारिस कुष्ठ रोग के उपचार के लिए की जाती है|
  3. जोसूचीबद्धनहीहैउनउदेश्योंकेलिएभीइसदवाकोप्रयोगकियाजाताहै|
  4. बिना चिकित्सक की सलाह से प्रयोग करने से यह दवा नुक्सान भी कर सकती है|
रिफाम्पिन (Rifampin)
  1. इस दवा का उपयोग आप की नाक और गले में कुछ जीवाणुओं को कम करने के लिए किया जा सकता है| जो मेनिन्जाइस्टिस या अन्य संक्रमणों का कारण हो सकता है|
  2. यह दवा एक सक्रिय मेनिन्जाइस्टिक संक्रामण का इलाज नही करेगा|
  3. इसदवाकोउपयोगतपेदिक (टीबी) काइलाजयाउसेरोकनेकेलिएभीकियाजाताहै|
  4. इस दवा का उपयोग चिकत्सक द्वारा अन्य उदेश्यों के लिए भी किया जा सकता है|
क्लोफेज़िमिन (Clofazimine)
  1. इस दवा का उपयोग कुष्ठ रोग का इलाज करने के लिए सिफारिस की जाती है|
  2. इस दवा को उपयोग अन्य रोग के लिए भी किया जा सकता है जो यहां सूचीबद्ध नही है|
लम्प्रिने (Lamprene)
  1. इस दवा का उपयोग कुष्ठ रोग (Leprosy) के इलाज के लिए सिफारिस की जाती है|
  2. यह दवा कुष्ठ रोग के भडकाव को रोकने के लिए है|
  3. यह दवा अन्य रोग के लिए उपयोग में लाई जा सकती है जो यहां सूचीबद्ध नही है|
रिमाक्टाने (Rimactane)
  1. इस दवा का उपयोग कुष्ठ रोग में अन्य रोगों के लिए करने की सिफारिस की जाती है जैसे तपेदिक (टीबी)
  2. जिनके नाक या गले में मैनिनिईटीस बैक्टीरिया होता है उसके इलाज के लिए इस दवा की सिफारिस की जाती है|
  3. यहदवाअन्यरोगोंकेलिएभीप्रयोगमेंलाईजासकतीहैजोयहसूचीबद्धनहीहै|
    patanjali ling vardhak oil
नोट- कोई भी दाव रोगी को चिकित्सक की सलाह में लेनी चाहिए नही तो हानिकारक हो सकती है|

Post a Comment

0 Comments