डायबिटिक रेटिनोपैथी का उपचार (Diabetic Retinopathy Treatment)

डायबिटिक रेटिनोपैथी का उपचार (Diabetic Retinopathy Treatment)

डायबिटिक रेटिनोपैथी का उपचार (Diabetic Retinopathy Treatment)

Diabetic Retinopathy – मधुमेह रेटिनोपैथी ke karan upchar
डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy)
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक बीमारी है, जो मधुमेह (diabeties) से पीड़ित व्यक्ति की रेटिना (आँख का पर्दा जहां तस्वीर बनती है) को प्रभावित करती है। यह रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली महीन नलिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है, अगर इसका समय पर इलाज़ न कराया जाए तो पीड़ित व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी दुनिया में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है, जिसके मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं।

रेटिना क्या है (What is retina)
रेटिना आँखों के अंदरूनी भाग में स्थित एक नाजुक प्रकाश सम्बन्धी परत है, जो किसी वस्तु से परावर्तित होकर आने वाले प्रकाश की मदद से वस्तु की छवि निर्माण के लिए जिम्मेदार होती है। रेटिना को होने वाला नुकसान रेटिनोपैथी का कारण बनता है।

मधुमेह रेटिना को कैसे प्रभावित करता है (Diabeties effect on retina)
मधुमेह के मामले में, रक्त में शर्करा की बढ़ी हुई मात्रा रक्त नलिकाओं को क्षतिग्रस्त कर सकती है, फलस्वरूप नलिकाओं से रक्त स्राव हो सकता है, जिससे रेटिना में सूजन पैदा हो जाती है। रक्त नलिकाओं में खराबी के कारण रेटिना को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी पोषक तत्व व ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। शुरूआती चरण में उपर्युक्त कारणों से दृष्टि के धुंधलेपन के लक्षण दिखते हैं, जैसे जैसे बीमारी बढ़ती है, रेटिना क्षेत्र में वांछनीय रक्त नलिकाएं पनपने लगती हैं जो ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा पैदा करतीं हैं। यह रक्त नलिकाएं मधुमेह के कारण कभी भी फट सकती हैं, फलस्वरूप रेटिना के आसपास होने वाले रक्त स्राव से आँखों में अंध बिंदु (ब्लाइंड स्पॉट) बन सकता है या अचानक दृष्टि खो भी सकती है या नजर कमजोर हो सकती है।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण
  • आंखों का बार-बार संक्रमित होना
  • चश्मे का नंबर बार-बार बदलना
  • रेटिना से खून आना
  • सफेद मोतियाबिंद या काला मोतियाबिंद
  • सिरदर्द रहना या एकाएक आंखों की रोशनी कम हो जाना
  • सुबह उठने के बाद कम दिखाई देना
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डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण (Causes of Diabetic Retinopathy)
मधुमेह (Diabetes), यदि बहुत लंबे समय तक रह जाए तो यह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है और यह प्रभावित अंग आंखें भी हो सकती हैं। डायबिटीज़ रक्त वाहिकाओं की दीवार को प्रभावित करता है, जिससे रेटिना (जिसपर छवि बनती है) तक ऑक्सीजन ले जाने वाली नाड़ियां कमज़ोर हो जाती हैं। डायबिटीज़ के मरीज़ों में अगर शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं रहती, तो वह डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं। इस समस्या का पता तब चलता है जब यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है।
अंधेपन का एक प्रमुख कारण है ‘डायबिटिक रेटिनोपैथी’ भी है। डायबिटिक रेटिनोपैथी के दो मुख्य चरण होते हैं। शुरूआती चरण को नान प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (एनपीडीआर) कहते हैं। इस चरण में रेटिना क्षेत्र की नलिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सामान्यत बीमारी का यह शुरूआती चरण होता है, जिसमें लक्षणों का पता नहीं चलता है।
कुछ मामलों में क्षतिग्रस्त रक्त नलिकाओं के फटने से रेटिना के मध्य भाग में रक्त फ़ैल जाता है। इस स्थिति को डायबिटिक मैक्युलोपैथी कहते हैं, इससे दृष्टि प्रभावित होती है और धुंधला दिखने लगता है। इसके उन्नत और विकसित चरण को प्रोलीफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (पीडीआर) कहते हैं। यह डायबिटिक रेटिनोपैथी की सबसे सबसे गंभीर चरण है। इस चरण में रेटिना क्षेत्र में कमज़ोर अवांछनीय रक्त नलिकाएं तेज़ी से पनपने लगती हैं जो रेटिना की ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा पैदा कर उसे क्षतिग्रस्त करती हैं। इस कारण रेटिनल डिटेचमेंट या ग्लूकोमा भी हो सकता है। करीब 20 फीसदी मधुमेह पीड़ितों में पीडीआर की वजह से गंभीर दृष्टि दोष हो सकता है जो अंधेपन का कारण बनाता है।
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सामान्य उपचार
सुरक्षा के लिए कुछ टिप्स (Tips to prevent diabetic retinopathy)
- समय- समय पर आंखों की जांच करायें, यह जांच बच्चों में भी आवश्यक है।
- रक्त में कॉलेस्ट्रोल और शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखें।
- अगर आपको आंखों में दर्द, अंधेरा छाने जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से मिलें।
- डायबिटीज़ के मरीज़ को साल में कम से कम एक बार अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए।
- डायबिटीज़ होने के दस साल बाद हर तीन महीने पर आंखों की जांच करायें।
- गर्भवती महिला अगर डायबिटिक है तो चिकित्सक से संपर्क करें।
सामान्य उपचार (Treatment for diabetic retinopathy)
- विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें
- पालक को अपने भोजन में शामिल करें
- काले अंगूर के बीजों का रस पीएं
- सलाद ज्यादा से ज्यादा खाएं
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