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Ebola symptoms and treatment (Hindi)

 Ebola (इबोला) नाम की महामारी ने पिछले दिनों बड़ा उत्पात मचाया था और भारत समेत पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था हर देश से आने वाले और जाने वाले लोगो की एअरपोर्ट पर चेकिंग होने लगी | पूरे मेडिकल जगत का ध्यान इस वायरस (virus ) की और गया और इसके लिए बहुत सी खोजे हुई जिनमे से कुछ आयाम तक पहुंची और कुछ नहीं भी लेकिन सब जानते है भारत और पूरे विश्व के देशो ने उस समय जब इबोला का दौर सबसे प्रबल था हर तरह से मदद करने की कोशिश की थी और मानवता पर आने वाले किसी भी संकट के लिए लोगो ने एकजुटता का सन्देश दिया इसलिए आज हम इबोला और इबोला वायरस ( ebola virus )के बारे में कुछ जानकारियां आपसे साझा कर रहे है –

ebola के बारे में कुछ जानकारियां (Hindi)

इबोला वायरस ( ebola virus ) आखिर क्या है – यह एक तेजी से म्युटेट (स्वयं की रचना बदल सकने में सक्षम ) हो सकने वाला वायरस (virus ) है जो व्यक्ति के रक्त संचार प्रणाली पर प्रबल तरीके से हमला करता है और उसे क्षतिग्रस्त करता है मेडिकल विज्ञानं की भाषा में इसे हेमरेजिक यानि के रक्तस्त्राव वायरल बुखार कहा जाता है क्योंकि इबोला (ebola) से पीडित व्यक्ति के शरीर में से कंही से भी रक्त का स्त्राव हो सकता है और यही रक्तस्त्राव उसकी मौत का कारण भी बनता है |

Ebola symptoms and treatment (Hindi)

कैसे फैलती है – इबोला (ebola) का वायरस (virus ) खुद में एक पहेली की तरह है अभी भी वैज्ञानिको के लिए क्योंकि यह बहुत ही तेजी से फैलता है और इसकी लोगो को चपेट में लेकर उन्हें संक्रमित करने की क्षमता अधिक होती है और इसके फैलने के मुख्य माध्यम है लार पसीना और वीर्य और शरीर से निकलने वाले अन्य तरल पदार्थ इसके फैलने के मुख्य माध्यम बनते है |और यह कोई खांसी या छींक से हवा में फैलने वाला वायरस नहीं है जबकि यह तो बड़ी शातिरता से सम्पर्क माध्यम से फैलने वाला रोग है और इसे हम छुआछुत का रोग भी कह सकते है क्योंकि यह रोगी के सम्पर्क में आने वाले को भी अपनी चपेट में ले लेता है |
ebola के लक्षण (symptoms) – इसके लक्षण शुरू शुरू में किसी अन्य सामान्य बीमारी की तरह ही होते है जैसे कि बुखार ,सिरदर्द ,उलटी और दस्त तथा पेट में तेज दर्द होना आदि इसके शुरूआती लक्षण (symptoms) होते है |
इबोला का इलाज (treatment) – इबोला (ebola) का पूरे मेडिकल जगत के पास अभी तक कोई भी ऐसा इलाज (treatment) उपलब्ध नहीं हो पाया है जो प्रभावी हो और इसलिए डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ही रोगी का इलाज (treatment) करते है जिसमे मरीज के जिन्दा बचे रहने की सम्भावना बहुत ही कम होती है और साथ ही आपको बता दें कि इबोला से संक्रमित व्यक्ति के बचने की आशंका 10 प्रतिशत होती है और 90 प्रतिशत रोगी अपनी जान से हाथ धो देते है तो अंदाजा लगा सकते है आप कितनी खतरनाक बीमारी है यह |
कैसे बचे इबोला (ebola) से – भारत में न्यूज़ वेबसाइट और टीवी के अलावा हमारा सौभाग्य है कि इस बीमारी ने किसी तरह कोई संकट खड़ा नहीं किया है फिर भी हमे इस से बचाव के तरीके पता होने चाहिए ताकि किसी भी बुरी स्थिति में हम खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को तैयार रख सके | अपने हाथों को हमेशा अच्छे से धोएं और कीटाणुमुक्त करने वाले सेनेटाईजर से अपने हाथों को धोये और अपने आस पास के माहौल के बारे में हमेशा अपडेट रखें और साथ ही भोजन करने और भोजन करने की जगह के बारे में सही से चुनाव करे और अगर संभव हो तो हमेशा घर पर ही भोजन करें | चूहे आदि कुछ जंतु इबोला वायरस ( ebola virus )के वाहक हो सकते है इसलिए घर में चूहे नहीं पनपने दें और पालतू पशुओं की अच्छे से देखभाल करें |

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