Moringa Benefits and Side Effects in Hindi - मोरिंगा (सहजन) के फायदे और नुकसान
मोरिंगा या सहजन जिसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है. काफी हद तक संभव है कि आपने भी इसकी सब्जी खाई होगी. जैसा इसका खाने में स्वाद है ठीक उसी तरह इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा भी है. सहजन में बीटा कैरोटिन, एमिनो एसिड और कई प्रकार के फिनॉलिक पाए जाते हैं. मोरिंगा की छाल गोंद बनाने के लिए जबकि इसके फूलों का प्रयोग हर्बल टॉनिक के रूप में किया जाता है. मोरिंगा के संपूर्ण वृक्ष का इस्तेमाल औषधीय उपयोग में किया जाता है. सहजन मुख्य रुप से अफगानिस्तान, उप हिमालयी क्षेत्र, बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में पाया जाता है. मोरिंगा के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं.
- त्वचा को चमकदार बनाने में
मोरिंगा की फली से बनी सब्जियां या फिर इस के बीज का तेल त्वचा पर लगाने से त्वचा की चमक हमेशा बरकरार रहती है. क्योंकि इसमें विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. विटामिन ए त्वचा की सुंदरता को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मोरिंगा किस सेवन से ड्राई त्वचा भी खिल उठती है. यही नहीं मोरिंगा चेहरे पर होने वाले पिंपल्स को भी खत्म करता है और आपकी त्वचा को निखारता है.
2. शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में
मोरिंगा के फल की सहायता से शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सकता है. यही महावारी में महिलाओं के लिए भी कई परेशानियों को दूर करने वाला होता है. सहजन का सेवन महिलाओं को गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाता है. पुरुषों में या शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के साथ साथ उनकी वीर्य को गाढ़ा करने में भी मददगार होता है.
3. बच्चों के लिए
छोटे शिशुओं की तंदुरुस्ती के लिए भी मोरिंगा का सेवन महत्वपूर्ण माना जाता है. आपको बता दें कि सहजन में कैल्शियम लोहा मैग्नीशियम फास्फोरस आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. शरीर में कैल्शियम बच्चों की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं. वहीँ गर्भवती महिलाओं को यदि इस दौरान सहजन का सेवन कराया जाए तो उनके होने वाले बच्चों में भी कैल्शियम की भरपूर मात्रा मिलती है. इसमें पाए जाने वाले सभी तत्व बच्चों के शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक भूमिका निभाते हैं.
4. सर दर्द के उपचार में
यदि आप सर दर्द से परेशान रहते हैं तो इससे राहत के लिए भी आप सहजन का इस्तेमाल कर सकते हैं. मोरिंगा के पत्तों का पेस्ट बनाकर घाव पर लगा सकते हैं. सर दर्द में इससे फायदा लेने के लिए इसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं. आप चाहें तो सहजन के पत्तों को पीस कर इसे हल्का गर्म करके सिर में लेप लगाकर भी इसके फायदे ले सकते हैं. इसके अलावा इसके बीज को पीसकर सूंघने से भी सर दर्द दूर दूर दूर होता है. सहजन के बीज का पाउडर भी सर दर्द दूर करने के लिए उपयोग में लाया जाता है.
5. उच्च रक्तचाप में
उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति भी सहजन से राहत पा सकते हैं. जिन व्यक्ति जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है. उन्हें सहजन की पत्तियों का रस निकाल कर इस का काढ़ा बनाकर सेवन करने से राहत मिलती है. इसके अलावा साजन की इसके अलावा यह गाना आपको घबराहट उल्टी चक्कर आने आदि समस्याओं से भी बचाता है.
6. पाचन संबंधी समस्याओं के निपटान में
पेचिश, दस्त, कोलाइटिस आदि जैसे पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए भी मोरिंगा का उपयोग किया जाता है. एक चम्मच मोरिंगा के ताजी पत्तियों का रस को एक चम्मच शहद में, नारियल पानी मिलाकर पीने से पाचन संबंधित तमाम समस्याओं से आपको राहत मिलती है. आप चाहे तो इसके फली की सब्जियां बनाकर भी खा सकते हैं. इससे भी आपको कब्ज आदि समस्याओं से छुटकारा मिलता है. यही नहीं सहजन की सब्जी गुर्दे और मूत्राशय की समस्या से पीड़ितों को भी खिलाया जा सकता है. पीलिया में भी इसके फायदे देखे जाते हैं.
मोरिंगा के नुकसान
- गर्भवती महिलाएं सहजन के पत्ते, जड़, छाल और फूलों को गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल करने से बचें.
- संवेदनशील पेट वाले लोग इसकी सब्जी खाने से बचें.
- प्रसव के कुछ हफ्ते बाद ही इसका प्रयोग करना चाहिए.
- पीरियड्स के दौरान मोरिंगा का सेवन पित्त को बढ़ाता है. इसलिए इस दौरान इसका सेवन करने से बचें.
- जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या है, वो भी इसे ना लें.
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