पत्थरचट्टा पौधे के फायदे और नुकसान, पथरी की समस्या में
आधुनिक विज्ञान अब मानने लगा है आयुर्वेद की ताकत को। जी हां, क्योंकि आयुर्वेद में हर बीमारी का उपचार छिपा हैं। इस लेख में हम आपको हम पत्थरचट्टा पौधा के उन फायदों के बारे में बता रहे हैं जिस्से किड़नी खासकर की गाल ब्लैडर की परेशानी को खत्म कर देता है। कई तरह के नामों से इस पौधे को जाना जाता है। जैसे पणपुट्टी, भष्मपथरी व पाषाणभेद आदि। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम bryophyllum pinnatum है।
दोस्तों पत्थरचट्टा का इस्तेमाल या सेवन करने से किडनी की पत्थरी और प्रोस्टेट ग्रंथि से संबंधित किसी भी तरह की बीमारी का सटीक रूप से ठीक हो सकती है।
पत्थरचट्टा के औषधीय गुण – bryophyllum pinnatum medicinal properties in Hindi
बहुत सारे प्राकृतिक और औषधीय गुणों से भरपूर होता है पत्थरचट्टा। यही वजह है इसका प्रयोग बाहरी और आंतरिक दोनों तरीकों से किया जाता है। जैसे यदि शरीर में किसी तरह के बाहरी रोग जैसे घाव, खून का बहना, जलन, फोड़े व फुंसी आदि में बहुत फायदेमंद होता है ये पत्थरचट्टा। इसके अलावा यदि शरीर में आंतरिक रोग जौसे पेशाब संबंधी रोग, पथरी आदि में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। आयुवेर्दिक सेहत आपको पत्थरचट्टे के फायदों के बारे में बता रही है।
इसका स्वाद कैसा होता है
जब आप पत्थर चट्टा का पौधा खाते हो तो इसका स्वाद नमकीन व खट्टा होता है। कई बार तो बहुत ही स्वादिष्ट भी लगता है ये पौधा। इस पौधे की तासीर सामान्य रहती है। जिसके कारण आप इसे किसी भी मौसम में इसका सेवन कर सकते हो।
कैसे उगाया जात है पत्थरचट्टा
बहुत ही आसान सा तरीका है इस पौधे को अपने घर में उगाने का। यदि आप इसके पत्तों को केवल जमीन में डाल देते हैं तो यह कुछ समय बाद वहां पर उगना शुरू हो जाएगा।
पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किस तरह से करना चाहिए।
आयुर्वेदक में इस पौधे के सेवन का विशेष नियम है। जैसे की इस पौधे के केवल दो ही पत्तों को तोड़कर और इसे साफ करके इसका सेवन सुबह उठकर खाली पेट गरम पानी के साथ करना चाहिए। और जब आप एैसा रोज करेंगे तो इससे पथरी
कुछ ही दिनों में पूरी तरह से टूटकर खत्म हो जाएगी।
कुछ ही दिनों में पूरी तरह से टूटकर खत्म हो जाएगी।
यदि आप पत्थरचट्टे के पत्तों को बारीक चबा—चबाकर खाते हो या फिर इसका प्रयोग आप पकौड़ी बनाते समय करके इसका सेवन करते हो तो, ये भी फायदेमंद होता है आपकी सेहत के लिए।
पत्थरचट्टा से मिलने वाले दूसरे लाभ – Patharchatta plant health benefits and uses in hindi
पेट दर्द में – PATHARCHATTA IN STOMACH PAIN IN HINDI
यदि आपको पेट में दर्द हो रहा हो तो आप थोड़ा सा पत्थरचट्टा का रस निकालें और फिर उसमें थोड़ा सा अदरक का चूर्ण यानि की सौंठ को मिला लें और फिर इसका सेवन करें। एैसा करने से पेट दर्द से राहत मिलती है।
कैसे करें पित्ताशय की पथरी में पत्थरचट्टा का सेवन – PATHARCHATTA IN STONE PROBLEM IN HINDI
जिन लोगों को पित्ताशय में पथरी हो वे पत्थरचट्टा के दस पत्ते लें और फिर उन्हें कूट पीसकर उसकी लगुदी यानि पेस्ट बना लें। फिर इसमें अजवायन के दस पत्तों से बने चूर्ण को मिला लें और फिर एक चम्मच गोखरू फिर इसमें डाल दें। और खाली पेट सुबह कम से कम तीन से चार दिनों तक इसका सेवन करें। इससे आपको पित्ताशय की पथरी से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन जब आप इस उपाय को करेंगे तो आपको उल्टिया व दस्त आदि भी लग सकते हैं। आप इस बात की प्रवाह ना करें। इसके अलावा आपको बता दें की गोखरू आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा।
यदि ये उपाय आप से ना हो तो केवल दिन में कम से कम तीन बार आप पत्थरचट्टा पौधे के पत्तों का सेवन जरूर करते रहें।
यदि ये उपाय आप से ना हो तो केवल दिन में कम से कम तीन बार आप पत्थरचट्टा पौधे के पत्तों का सेवन जरूर करते रहें।
घाव व बहारी चोट लगने पर
यदि किसी कारण से हमें चोट, घाव, फोड़े व फुंसी हो जाए तो आप केवल पत्थरचट्टे के पत्तों को अच्छे से पीसकर उन जगहों पर लगाएं। इससे ये चीजें आसानी से ठीक हो जाएंगी। साथ ही आपको राहत भी मिलेगी।
मूत्र मार्ग की पथरी – PATHARCHATTA USES IN URINE STONE
यदि पेशाब वाले रास्ते में पथरी हो तो आप पथरचट्टा पौधे के दस पत्ते लें और और इन्हें एक गिलास पानी के साथ मिलाकर रोज इसका सेवन खाली पेट करें। एैसा यदि आप नियमित करते हो तो महज दस से पंद्रह दिनों में पथरी टूटकर पेशाब के रास्ते निकल जाएगी।
इसके अलावा यदि मूत्र संबंधी अन्य रोगों को भी कारगर उपचार करता है पत्थरचट्टा।
इसके अलावा यदि मूत्र संबंधी अन्य रोगों को भी कारगर उपचार करता है पत्थरचट्टा।
पेशाब की जलन – PATHARCHATTA KE FAYDE PESHAB KI JALAN MEI
यदि आपको पेशाब करते हुए जलन महसूस होती हो। या पुरूषों में प्रोस्टेट संबंधी समस्या हो अथवा महिलाओं में सफेद परदर की समस्या उन सभी में पत्थरचट्टा पौधा बहुत ही लाभदायक होता है।
गठिया और ब्लडप्रेशर में
आप पत्थरचट्टे का इस्तेमाल गठिया व ब्लडप्रेशर की समस्या को दूर करने के लिए भी कर सकते हो। इसका सेवन करना इन रोगों में राहत देता है।
ठंडक देता है
शरीर की गरमी को शांत करके ठंडक पहुंचाने का काम करता है। ये पौधा। इसके अलावा लीवर और किडनी को भी दुरूस्त बनाता है।
पेट का अल्सर
पेट में छाले की वजह से घाव बनना पेट का अल्सर कहलाता है। एैसे में आप पत्थरचट्टेक का सेवन जरूर करें।
calluses का उपचार
इस समस्या का भी कारगर उपचार है पत्थरचट्टा।
बालों की रूसी
यदि बालों पर रूसी अधिक हो तो आप जरूर पत्थरचट्टे का सेवन करें। इससे ये समस्या आसानी से दूर हो जाती है।
सिर दर्द
सिर में दर्द हो तो आप इस पौधे के पत्ते का सेवन पानी के साथ करें।
कान दर्द
यदि कान में दर्द हो तो भी पत्थरचट्टा बहुत ही फायदेमंद होता है।
पत्थरचट्टा के नुकसान व सावधानियां अथवा परहेज – Patharchatta ke nuksan aur parhej
- अब सभी को पता है कि जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है तो फिर यह पथरी का रूप धारण कर लेती हैं जिसकी वजह से इंसान को दर्द भी अधिक होता है।लेकिन पत्थर चट्टा में मौजूद गुण इस कैल्शियम के बढ़े हुए प्रभाव को कम कर देते हैं।
- आपको पता है की ये औषधि बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए पथरी से ग्रसित लोगों को इसका सेवन तब तक करते रहना है जब तक पथरी पूरी तरह से बाहर ना निकल जाए।
- जब भी आप इसका इस्तेमाल करें तो बिना साफ व धोए हुए फलों का सेवन ना करें।साथ ही चावलों का भी।ये एक तरह का परहेज भी है।
- ब्लडप्रेशर के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- आप जब कभी भी पत्थर चट्टा पौधे का सेवन करें तो जरूर इस बात का ख्याल रखें की इसके सेवन के बाद आप एक घंटे तक कुछ ना खाएं अथवा पीयें।जरूर से ज्यादा आप इस पौधे का सेवन ना करें।
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