मोतियाबिंद कारण लक्षण उपचार-Glaucoma Symptoms in Hindi:- Aankho Mai Motiyabind ke Lakshan
मोतियाबिंद (Cataracts) – मोतियाबिंद दो प्रकार का होता है कोमल और कड़ा कोमल मोतियाबिंद कुछ नीले रंग का होता है. यह अक्सर 30-35 की आयु में होता है. कड़ा मोतियाबिंद धुमैला या पीली रंगत का होता है. यह बुढ़ापे में होता है. यह एक आख या दोनों आखों में कई महीनों से सुरु हो कर पैदा होता है. इसमें धीरे-धीरे देखने की शक्ति गायब हो जाती है और अंत में देखने की शक्ती खतम हो जाती है. और दिखना बंद हो जाता है. यह रोग अधिक मात्रा में मलेरिया की ऐथोपैथी औषधी सेवन करने, अजीर्ण, आखों पर अधिक समयावधि पर तेज प्रकाश या गर्मी के प्रभाब, शराव, तम्बाकू,चाय, काफी, ज्यादा पीने से पौष्टिक भोजन की कमी से, होता है. इस रोग में सुरू में स्पष्ट दिखाई न देना, आखों के आगे काले धब्बे पड़ जाना, पुतलियों का सफेद पड़ जाना, आदि लक्षण प्रकट होते हैं.
मोतियाबिंद (Cataracts) कारण लक्षण उपचार
मोतियाबिंद (Cataracts) कारण
मोतियाबिंद दो प्रकार का होता है कोमल और कड़ा कोमल मोतियाबिंद कुछ नीले रंग का होता है. यह अक्सर 30-35 की आयु में होता है कड़ा मोतियाबिंद धुमैला या पीली रंगत का होता है यह बुढ़ापे में होता है यह एक आख या दोनों आखों में कई महीनों से सुरु हो कर पैदा होता है. इसमें धीरे-धीरे देखने की शक्ति गायब हो जाती है और अंत में देखने की शक्ती खतम हो जाती है. और दिखना बंद हो जाता है यह रोग अधिक मात्रा में मलेरिया की ऐथोपैथी औषधी सेवन करने, अजीर्ण, आखों पर अधिक समयावधि पर तेज प्रकाश या गर्मी के प्रभाब, शराव, तम्बाकू,चाय, काफी, ज्यादा पीने से पौष्टिक भोजन की कमी से होता है.
मोतियाबिंद (Cataracts) लक्षण
इस रोग में सुरू में स्पष्ट दिखाई न देना, आखों के आगे काले धब्बे पड़ जाना, पुतलियों का सफेद पड़ जाना, आदि लक्षण प्रकट होते हैं.
मोतियाबिंद (Cataracts) उपचार
तुलसी के पत्तों के रस में शहद मिला कर सलाई से अंजन की तरह रोज सुबह और शाम को आखों में लगाने से जाला कट जाता है जाला पक गया हो तो भी कट कर निकल जाता है.
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