फेफड़े के कैंसर के ये हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव-Lung cancer - Symptoms and causes

फेफड़े के कैंसर के ये हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव-Lung cancer - Symptoms and causes

फेफड़े के कैंसर के ये हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव-Lung cancer - Symptoms and causes

आमतौर पर लंग कैंसर कार्सीनोज कहे जाने वाले कुछ बा‍हरी कारकों से उत्पन्न होता है। ये फेफड़े में कैंसरयुक्त सेल्स की असामान्य वृद्धि को बढ़ाते हैं।
जब ये कैंसरयुक्त सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ती जाती हैं, तब मिलकर ट्यूमर का निर्माण करती हैं। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है यह फेफड़े के नजदीकी हिस्सों को नष्ट करता जाता है।
लंग कैंसर को दो मूलभूत वर्गों में बांटा जा सकता है नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर और स्मॉल सेल लंग कैंसर। इन दोनों प्रकारों के लिए अलग-अलग उपचार के तरीके हैं।
निदान के समय पाए जाने वाले अन्तर से पता चलता है कि क्या कैंसर छाती या फिर इसके इस अन्‍य हिस्से में फैलने की सम्भावना है या नहीं।
इसके लिए सबसे उपयुक्त उपचार का पता लगा पाना काफी मुश्किल है। स्मॉल लंग कैंसर का निर्धारण मुश्किल से होता है, जबकि इसका पता शुरूआत में ही चल जाता है और शायद ही प्राथमिक कैंसर के सर्जिकल रिमूवल द्वारा इसका उपचार किया जाता हो।
इसके उलट नॉन-स्मॉल लंग कैंसर होने पर इसका उपचार सर्जरी के जरिए होता है। इसलिए इसके उपचार से पहले लंग कैंसर के प्रकार का पता लगाया जाता है। यह कहना है कैंसर विशेषज्ञ डॉ. विवेक चौधरी का।
फेफड़े के कैंसर के लक्षण -
  • लगातार खांसी आना, अगर तीन सप्‍ताह से लगातार खांसी आ रही है। थूक के साथ खून निकलना। खांसी के साथ रक्त आना (हेमोफाइटिस)। मुंह में घरघराहट होना।
  • ज्‍यादा लंबी सांस लेने में दिक्‍कत होना। छाती में दर्द होना। निमोनिया के लक्षण दिखना, बुखार और खांसी के साथ कफ आना।
  • निगलने में दिक्कत होना। आवाज का कर्कश होना। वजन का लगातार घटना। भूख न लगना। पूरी दुनिया में होने वाले कैंसरों में सबसे अधिक फेफड़े के कैंसर रोगी ही होते है।
  • पूरे विश्व में यह कैंसर प्रतिवर्ष5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। 5 से 15 प्रतिशत मामलों में इसके लक्षण दिखाई नही देते।
  • लेकिन, ज्‍यादातर बिना किसी लक्षण वाले व्यक्तियों में लंग ट्यूमर का पता सीने के सामान्य एक्सरे से लग जाता है।
  • चेस्ट कम्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैनिंग का अधिक उपयोग और लंग कैंसर की जांच के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं, लेकिन जब भी पेट में किसी असमान्य कारण का पता चलता है, तो सीटी स्कैन से अक्सर छाती के निचले हिस्से की जांच की जाती है।
  • हालांकि, लंग कैंसर के रोगियों में एक या अधिक लक्षण पाए जाते हैं।
उपचार-
  • यदि कैंसर छाती में है और इसके छाती के बाहर फैलने के कोई भी संकेत नहीं मिलते हैं, तो ऐसे सभी नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर को सर्जरी के जरिए हटाया जाता है।
  • इसके लिए इतने तरह के सर्जरी किया जाता है।
वेज रिसेक्शन- इसमें केवल फेफड़े के छोटे से भाग को हटाया जाता है।
लॉबेक्टॉमी- इसके जरिए फेफड़े के एक हिस्से को हटाया जाता है।
न्यूमॉनेक्टॉमी- इसमें पूरे फेफड़े को सर्जरी के जरिए हटाया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी-
एक्‍सटर्नल बीम रेडिएशन- इसके जरिए बाह्य विकिरण से प्रभावित क्षेत्र में मशीनों का उपयोग करते हुए रेडियो तरंगो के प्रभाव से आसपास के क्षेत्र में शेष परिरक्षण दिया जाता है।
इंटर्नल रेडिएशन - इसमें विशेष कैप्सूल या रेडियोधर्मी दवा का उपयोग कर सीधे शरीर के अंदर ट्यूमर के ऊतक के पास दिया जाता है, जो धीरे-धीरे प्रभाव करती है।

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