GOUT Treatment In Hindi (Gathiya / गठिया)

GOUT Treatment In Hindi (Gathiya / गठिया)

GOUT Treatment In Hindi (Gathiya / गठिया)

गठिया (Gout) या वातरक्त एक सामान्य रोग है जिसमें रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और चुभन जैसी तेज पीड़ा होती है। यह रोग रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से होता है,जिसका प्रमुख कारण यूरिक एसिड अपचयन (Metabolism) से है।

गठिया क्या है (What is Gout)

जोड़ हड्डियों से बने होते हैं जो एक कैप्सूल यानि संपुट में होते हैं। इस कैप्सूल के ऊतक (Tissue) एक प्रकार का चिकना द्रव्य बनाते हैं जिसे सायनोवियल फ्लूड (Sinovial Fluid) कहा जाता है।
इसी फ्लूड की सहायता से उंगलियों के जोड़ आसानी से काम करते हैं। इसी द्रव्य पर कैप्सूल के अंदर के ऊतक भी निर्भर करते हैं। गठिया (Gathiya) की समस्या उस समय पैदा होती है जब शरीर बहुत ज्यादा यूरिक एसिड बनाने लगता है और उसके कण कैप्सूल के अंदर पहुंचने लगते हैं।

कैसे फैलता है गठिया (Stages of Gout)

गठिया (Gathiya) की शुरूआत सबसे पहले पंजों से होती है। अधिकांश रोगियों (लगभग 50%) में पैर के अंगूठे के जोड़ (मेटाटारसल-फेलेंजियल जोड़) में तकलीफ होती है। तब इसे पोडोग्रा (Podagra) भी कहते हैं। कुछ समय के बाद इसके कण शरीर के दूसरे जोड़ों तक फैल जाते हैं और यही दर्द बढ़ता हुआ कोहनी, घुटनें, हाथों की उगुंलियों के जोड़ों और ऊतकों तक पहुँचता है।

गठिया के लक्षण (Symptoms of Gout)

जोड़ों में रात को अचानक बहुत तेज दर्द होता है और सूजन आ जाती है। जोड़ लाल और गर्म महसूस होता है। साथ में बुखार और थकावट भी हो सकती है। गठिया का दौरा अमूमन 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है। गठिया 75 प्रतिशत वंशानुगत होता है और यह ज्यादातर पुरूषों में पाया जाता है।

गठिया रोग के लक्षण (Risk Factors of Gout)

गठिया के रोगियों को रक्तचाप, डायबिटीज, मेटाबोलिक सिन्ड्रोम, वृक्क रोग और हृदय रोग का खतरा अधिक रहता है। यदि उपचार नहीं किया जाये तो यह धीरे-धीरे दीर्घकालीन और स्थाई रोग बन जाता है।
जोड़ों की सतह क्षतिग्रस्त होने लगती है। अक्षमता और अपंगता बढ़ जाती है। साथ ही शरीर में कई जगह (जैसे कान, कोहनी आदि) यूरिक एसिड जमा होने से दर्दहीन गांठें (Tophi) बन जाती हैं। यदि गुर्दे में पथरी बन जाये तो स्थिति और जटिल हो जाती है। ऐसे में किडनी खराब (Kidney Failure) होने का खतरा बढ़ जाता है।
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गठिया के लक्षण

  • कभी-कभी पैरों, सिर, टखने, घुटनों, जांघ और जोड़ों में दर्द के साथ-साथ सूजन आना
  • कभी-कभी बुखार की शिकायत
  • किसी अंग का शून्य हो जाना
  • खाया भोजन न पचना
  • जोड़ों को छूने तथा हिलाने में असहनीय दर्द होना
  • शरीर में खून की कमी होजाना आदि गठिया के मुख्य लक्षण हैं
  • शरीर में भारीपन
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गठिया के कारण (Gout Causes)

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गठिया रोग को जीवनशैली से जुड़ा रोग माना जाता है। अधिकांश मामलों में इसके मुख्य कारण निम्न होते हैं:
जीवनशैली (Causes of Gout)
  • 12% रोगियों में गठिया (Gathiya) का मुख्य कारण आहार को माना गया है। शराब , फ्रुक्टोज-युक्त पेय, मांस, मछली के सेवन से गठिया का जोखिम बढ़ता है।
  • चयापचय में आई खराबी
  • मोटापा
कई रोग भी ऐसे होते हैं जिनकी वजह से गठिया रोग हो जाता है। यह रोग निम्न हैं:
  • गुर्दे की बीमारी
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम
  • पॉलीसायथीमिया
  • लेड पॉयजनिंग
  • वृक्कवात
  • हीमोलिटिक एनीमिया
  • सोरायसिस और अंग प्रतिस्थापन (Organ Replacement)
  • मूत्रवर्धक दवाइयां (हाइड्रोक्लोरथायडाइड) का सेवन करने से भी गठिया हो सकता है।
  • नायसिन, एस्पिरिन, साइक्लोस्पोरिन और टेक्रोलिमस आदि दवाइयां भी गठिया रोग का कारण बन सकती हैं। गठिया का उपचार (Gout Treatment)
सामान्य उपचार

गठिया रोग का उपचार (Treatment of Gout)

गठिया से बचाव का सबसे बढ़िया उपाय है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। गठिया होने पर निम्न बातों का ध्यान भी रखना चाहिए:
  • बार-बार पड़ने वाले दौरों (Attack) को रोकने के लिए डॉक्टर की सलाह से यूरिक एसिड कम करने की दवाइयां ले सकते हैं।
  • साथ में दर्द और सूजन कम करने के लिए नॉन-स्टीरॉयडल एंटीइन्फ्लेमेट्री दवाइयां (NSAIDs), कोलचिसीन और स्टिरॉयड्स भी ले सकते हैं। यह दवाइयां प्रायः 1-2 हफ्ते तक दिये जाते हैं।
  • गठिया के रोगियों को प्रोटीनयुक्त आहार से परहेज करना चाहिए। शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए चोकरयुक्त आटे की रोटी तथा छिलके वाली मूंग की दाल खाएं।
  • उबले अनाज, चावल, बाजरा, जौ, गेहूं, चपाती आदि भोजन में सम्मिलित करें।
  • उबली हुई हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, साबूदाना, गिरीदार फल, शहद तथा सभी प्रकार के फल (खट्टे फल एवं केले को छोड़कर) पर्याप्त मात्रा में लें।
  • नियमित टहलें, व्यायाम (क्षमतानुसार) एवं मालिश करें। कब्ज न होने दें। हफ्ते में एक दिन उपवास रखना चाहिए। इससे दर्द में राहत मिलती है।
अन्य उपचार
नेचुरोपैथी
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गठिया रोग के घरेलू उपचार (Home Remedies For Arthritis)

  • उम्र बढ़ने पर अक्‍सर लोगों को गठिया की शिकायत होने लगती है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बॉडी में यूरिक एसिड की अधिकता होना होता है। जबबॉडी में यूरिक एसिड ज्‍यादा हो जाता है तो वह शरीर के जोड़ों में छोटे- छोटे क्रिस्‍टल के रूप में जमा होने लगता है इसी कारण जोड़ों में दर्द और ऐंठन होती है। गठिया को कई स्‍थानों पर आमवत भी कहा जाता है।

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