कब्ज या "constipation" का देसी उपचार-Constipation: Causes, symptoms, and treatments
कब्ज यूं तो छोटी समस्या लगती है और इस कारण लोग इसे काफी नजरअंदाज भी करते हैं, लेकिन इसे छोटी समस्या समझना सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। आप पेट से जुड़ी इस समस्या को ज्यादा समय तक नजरअंदाज करते हैं तो यह सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है, बता रही हैं वंदना भारती
आपकी मुलाकात शूजित सरकार की फिल्म 'पीकू' में भास्कर बैनर्जी से तो हुई होगी। जी हां, अमिताभ बच्चन की ही बात हो रही है, जो पीकू फिल्म में दीपिका पादुकोण के पिता बने हैं। पूरी फिल्म में भास्कर बैनर्जी कब्ज से परेशान रहते हैं, लेकिन यह परेशानी सिर्फ भास्कर बाबू की नहीं है। देश के लगभग 20 फीसदी लोग कब्ज से त्रस्त हैं। इनमें से 14 प्रतिशत वो लोग हैं, जो शहरों में रहते हैं। शहर का रहन-सहन, कुछ भी खा लेने की आदत और मजबूरी, घटते शारीरिक श्रम आदि ने कब्ज को इनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है।
खाने में इन्हें जरूर शामिल करें
कीवी, शकरकंद, पॉपकॉर्न, पिस्ता, अखरोट, बादाम, मूंगफली, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, जामुन, अलसी के बीज, ब्रॉकली, दूध और दही।
कीवी, शकरकंद, पॉपकॉर्न, पिस्ता, अखरोट, बादाम, मूंगफली, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, जामुन, अलसी के बीज, ब्रॉकली, दूध और दही।
बीमारियों की आशंका
यदि आपको लगातार तीन महीने से कब्ज है तो कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं।
आइये कब्ज को थोड़ा करीब से समझते और जानते हैं, क्योंकि जब पेट ठीक रहेगा, तभी जीवन की गाड़ी भी ठीक चलेगी।
यदि आपको लगातार तीन महीने से कब्ज है तो कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं।
आइये कब्ज को थोड़ा करीब से समझते और जानते हैं, क्योंकि जब पेट ठीक रहेगा, तभी जीवन की गाड़ी भी ठीक चलेगी।
कारण पर डालें नजर
कब्ज कई तरह का हो सकता है। जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। ऐसा कई वजहों से हो सकता है, मसलन, खानपान में अचानक आया बदलाव, यात्रा, उम्र, गर्भावस्था आदि।
कब्ज कई तरह का हो सकता है। जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। ऐसा कई वजहों से हो सकता है, मसलन, खानपान में अचानक आया बदलाव, यात्रा, उम्र, गर्भावस्था आदि।
खानपान
खानपान में किसी भी तरह का बदलाव कब्ज का कारण बन सकता है, जैसे अचानक बहुत ज्यादा तैलीय खाना खाने या वजन घटाने के लिए खाने पर नियंत्रण करने की वजह से भी कब्ज हो जाता है। इसके अतिरिक्त यदि आप बहुत ज्यादा वसायुक्त चीजें पसंद करते हैं या शराब और कॉफी पीते हैं तो भी कब्ज के शिकार हो सकते हैं।
खानपान में किसी भी तरह का बदलाव कब्ज का कारण बन सकता है, जैसे अचानक बहुत ज्यादा तैलीय खाना खाने या वजन घटाने के लिए खाने पर नियंत्रण करने की वजह से भी कब्ज हो जाता है। इसके अतिरिक्त यदि आप बहुत ज्यादा वसायुक्त चीजें पसंद करते हैं या शराब और कॉफी पीते हैं तो भी कब्ज के शिकार हो सकते हैं।
पानी से दूरी
कुछ लोग बहुत कम पानी पीते हैं। ऐसे लोग मानते हैं कि दिन में दो गिलास पानी पी लें तो भी उनका काम चल जाएगा, लेकिन इससे हमारे पाचन तंत्र और शरीर की जरूरतें पूरी नहीं होतीं।
कुछ लोग बहुत कम पानी पीते हैं। ऐसे लोग मानते हैं कि दिन में दो गिलास पानी पी लें तो भी उनका काम चल जाएगा, लेकिन इससे हमारे पाचन तंत्र और शरीर की जरूरतें पूरी नहीं होतीं।
व्यायाम
क्या आप रोजाना कसरत करते हैं? रोजाना न सही, सप्ताह में चार दिन तो करते होंगे। नहीं? पाचन तंत्र के बिगड़ने या कब्ज होने की यह सबसे बड़ी वजह है। शारीरिक व्यायाम के अभाव में हमारा मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है। मेटाबॉलिज्म के कमजोर पड़ते ही हमारी पाचन क्रिया गड़बड़ हो जाती है।
क्या आप रोजाना कसरत करते हैं? रोजाना न सही, सप्ताह में चार दिन तो करते होंगे। नहीं? पाचन तंत्र के बिगड़ने या कब्ज होने की यह सबसे बड़ी वजह है। शारीरिक व्यायाम के अभाव में हमारा मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है। मेटाबॉलिज्म के कमजोर पड़ते ही हमारी पाचन क्रिया गड़बड़ हो जाती है।
दवाएं
कुछ दवाओं के सेवन से भी कब्जियत हो जाती है। ज्यादातर मामले पेन किलर्स की वजह से देखने को मिले हैं। कुछ विटामिन और आयरन की खुराक से भी यह समस्या हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर से राय लेकर आप इन दवाओं के साथ स्टूल सॉफ्टनर दवाएं ले सकते हैं।
कुछ दवाओं के सेवन से भी कब्जियत हो जाती है। ज्यादातर मामले पेन किलर्स की वजह से देखने को मिले हैं। कुछ विटामिन और आयरन की खुराक से भी यह समस्या हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर से राय लेकर आप इन दवाओं के साथ स्टूल सॉफ्टनर दवाएं ले सकते हैं।
खतरनाक हो सकते हैं परिणाम
साधारण सी दिखने वाली परेशानी कई बार जी का जंजाल बन जाती है। कब्ज की बीमारी कुछ ऐसी ही है। मैक्स हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉ. मोनिका महाजन के अनुसार, कब्ज पर लगाम न कसा जाए तो अपने विकराल रूप में आने के बाद यह कई दूसरी बीमारियों को भी न्योता देता है।
साधारण सी दिखने वाली परेशानी कई बार जी का जंजाल बन जाती है। कब्ज की बीमारी कुछ ऐसी ही है। मैक्स हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉ. मोनिका महाजन के अनुसार, कब्ज पर लगाम न कसा जाए तो अपने विकराल रूप में आने के बाद यह कई दूसरी बीमारियों को भी न्योता देता है।
क्या हैं उपचार
नीबू पानी
नीबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नीबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।
नीबू पानी
नीबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नीबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।
दूध और दही
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खायें। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिला कर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खायें। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिला कर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
आयुर्वेद की मदद
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
खाने में फाइबर
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।
अदरक की चटनी मे नमक मिलाकर चाटने से गैस पास होने लगती है
अदरक के रस में नींबू पुदीने का रस मिलाकर पीने से आराम मिलता है
अदरक के रस में नींबू पुदीने का रस मिलाकर पीने से आराम मिलता है
सौंठ +काली मिर्च +पीपल को बराबर मात्रा में तीनो को मिलाकर चूर्ण चूर्ण की
सुबह श्याम एक एक चमच्च ले कब्ज दूर होगी
सुबह श्याम एक एक चमच्च ले कब्ज दूर होगी
अदरक और सूखे धनिये का काढा बनाकर पीने से कब्ज दूर होगी
रात में दूथ में दो चम्मच इसबगोल मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है
गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से भी कब्ज दूर होती है
रात्री में ताबे के बर्तन में रखा पानी सुबह उठते ही पीये फिर शौच के लिए जाये
इससे कब्ज के साथ साथ बालो का झडना मे बहुत फायदेमंद है
इससे कब्ज के साथ साथ बालो का झडना मे बहुत फायदेमंद है
रात में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म दूध से लेने पर कब्ज दूर होती है यदि दूध न हो तो गर्म पानी स् भी ले सकत् हैं
कब्ज होने पर हिंग को हल्का गर्म करक् पानी से ल् और हिंग का लेप नाभी क् चारो तरप लगाये
सौंठ +हरड़ +अजवायन को समान मात्रा में पानी मे उबाले तथा इसमे मे नमक मिलाकर पीये
आधा चम्मच पीपल का चूर्ण गुड मिलाकर लेने से कब्ज दूर होती है
खट्टी छाछ में सैधा नमक मिलाकर पीने से भी कब्ज दूर होती है
भूनी हिंग +भुना जीरा +सौंठ +सैधा नमक समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें गुनगुने पानी से लेने स् कब्ज दूर होती है
कच्ची गाजर खाने से भी कब्ज दूर होती है
आंवले का मुरब्बा या आंवले का चूर्ण लेने से भी कब्ज दूर होती है
गिलोय का चूर्ण गुड के साथ लेने से कब्ज दूर होती है
रात्री में दूध मे एक चमच्च अंरड का तेल मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है
प्रतिदिन 25 मिली लीटर ताजा गौ मूत्र सुबह खाली पेट लेने से कब्ज दूर होती है
यदि खाना नहीं पचता है तो फालसे के रस के साथ सैधा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीये
फालसे पित्त विकारो में भी बहुत कारगर है
फालसे पित्त विकारो में भी बहुत कारगर है
कमजोरी से पैदा हुई अपच या पेट दर्द मे कचचा लहसुन चबाकर खाने से लाभ मिलता है
कच्चे प्याज का रस पेट दर्द,बदहजमी, वायुविकार, और अफारा में लाभदायक होता है
कच्चे प्याज का रस पेट दर्द,बदहजमी, वायुविकार, और अफारा में लाभदायक होता है
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