महुआ के फायदे Mahua Khane Ke Fayde हिंदी में (In Hindi)
महुआ एक औषधि (Mahua Ek Aushdhi) हिंदी में, in Hindi महुआ के अचूक उपाये और इसके फायदे
महुआ का वृक्ष सारे देश में पाया जाता है। अधिकांश वृक्ष जंगलों, गांवों में अपने आप उग आते हैं। खेत, खलिहानों, सड़कों के किनारों पर, बगीचों में इसे छाया के लिए विशेष तौर पर लगाया जाता है। वृक्ष की ऊंचाई 40 से 50 फुट होती है। पत्ते लंबाई में 5 से 7 इंच और चौड़ाई में 3 से 4 इंच होते हैं, जो ग्रुप में लगते हैं।
पत्ते आकार में अंडाकार-कुछ आयताकार, नुकीली शिराओं से युक्त होते हैं, इनसे पतलें बनाने का काम भी किया जाता है। पुष्प गुच्छों में, मांसल, रसीले, मधुर गंध युक्त, सफेद रंग के लगते हैं, जिनका रंग सूखने पर लाल, मटमैला हो जाता है। पके पुष्प वृक्ष से अपने आप टपक जाते हैं, जिनकी सुवास से आसपास का वातावरण सुवासित हो जाता है। पुष्पों को इकट्ठा करके देशी शराब बनाई जाती है। मार्च-अप्रैल में फूलों की बहार आती है और मई-जून में इसके फल लगते हैं।
फल लंबाई में एक से दो इंच और चौड़ाई में एक इंच के होते हैं, जिसका आवरण लाल रंग का होता है। पके फल में 1 या 2 बीज निकलते हैं, जिनकी गिरी से तेल निकलता है, जो कपड़े धोने का साबुन बनाने के काम आता है। पका फल स्वाद में मीठा होता है। वृक्ष के पत्ते’, छाल, फूल, फल, बीज की गिरी सभी उपयोग में लिए जाते हैं।
महुआ के गुण (Mahua Ke Gun)
आयुर्वेदिक मतानुसार महुआ रस में मधुर, कषाय, गुण में भारी, स्निग्ध, धातुवर्द्धक, होता है। पुष्प प्रकृति में नम, शीतल और शुष्क, गर्म, वात-पित्त शामक, नाड़ी बल प्रदायक, शक्तिप्रद, दाह शामक, शुक्रवर्द्धक, मादक, मूत्रल होता है। यह कमजोरी, नपुंसंगता, खांसी, बवासीर, मासिक धर्म साफ न आना, खुजली, वातशूल कब्ज़, गैस विकार, स्तनदुग्ध की कमी, लो ब्लड प्रेशर, फोड़े फुसी में गुणकारी है।
वैज्ञानिक मतानुसार महुआ की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसके फूलों में आवर्त शर्करा 52.6 प्रतिशत, इक्षुशर्करा 2.2 प्रतिशत, अलव्युमिनाइड 2.2 प्रतिशत, सेल्युलोज 2.4 प्रतिशत, शेष जल और भस्म होती है। इसके अलावा अल्प मात्रा में कैल्शियम, लोहा, पोटास, एन्जाइम्स, एसिड्स यीस्ट भी पाए जाते हैं। बीजों की गिरियों से जो तेल प्राप्त होता है, उसका प्रतिशत 50 से 55 तक होता है।
महुआ के दुष्प्रभाव (Mahua Ke Side Effects – Nuksaan)
महुए के पुष्प अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर दर्द की तकलीफ हो सकती है।
महुआ का विभिन्न रोगों में प्रयोग Mahua Ke Fayde - Gharelu Nuskhe
महुआ के 10 विभिन्न प्रकार के फायदे
- महुआ को फोड़े-फुसी पर लगाने पर :महुए के फूल को घी में पीसकर फोड़े-फुसी पर बांधने से लाभ होगा ।
2: दुग्धवर्द्धन हेतु Doodh Badhane Ke Liye : दूध की कमी को दूर करने के लिए महुए के फूल का रस 4 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम कुछ दिन नियमित सेवन कराने से लाभ मिलेग ।
- मुंह, नाक से खून आने परMuh Aur Naak Se Khoon Aane Par:महुए के फूल का रस 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार लें।
- महुआ से खांसी का उपचार Mahua Se Khansi Ka Upchar : महुए के फूल का काढ़ा सुबह-शाम 2 चम्मच की मात्रा में सेवन करने से आराम मिलेगा।
- महुआ से वात पीड़ा कम करें Mahua Se Vaat Peeda Kam Kre : पत्तों को पीसकर गर्म करके पीड़ित अंग पर बांधने से पीड़ा दूर होगी। चर्म रोग : महुए के बीजों का तेल खुजली आदि चर्म रोगों में लगाने से वे दूर होंगे।
- शक्ति, वीर्यवर्द्धन हेतु Power Badhane Ke Liye Mahua : महुआ के फूलों का गुलकन्द 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से सेवन करने से शारीरिक बल, वीर्य बढ़ता है।
- मासिक धर्म विकार में Masik Dharm Ki Samasya Theek Kare : फलों की गुठली तोड़कर गिरी निकाल लें। इसे शहद के साथ पीसकर गोल मोमबत्ती जैसा बना लें। रात्रि में सोने से पूर्व, मासिक धर्म आने के समय के पहले से इसे योनि में उगली की सहायता से प्रवेश करा दें। मासिक धर्म के विकार दूर होकर स्राव पर्याप्त आएगा।
- महुआ से बवासीर ठीक करें Mahua Se Bavasir Ka Upchar : महुआ के फूल छाछ में पीसकर एक कप की मात्रा में सुबह शाम रोजाना सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलेगा।
- हिचकियां आने पर महुआ का सेवन करें Hichki Me Mahua Ka Upchar : महुए के फूलों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से हिचकियां आनी बंद होंगी।
- कमजोरी को ठीक करने में महुआ है उपयोगी Kamjori Theek Kare : 50 ग्राम महुए के फूलों को एक गिलास दूध में उबालकर खाएं और ऊपर से वही दूध रोजाना सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होकर बल बढ़ेगा।
महुआ के बारे में कुछ और अधिक जानकारी
महुआ और दूध MAHUA AUR MILK KA SAATH ME SEVAN
महुआ और दूध दोनों का एक साथ सेवन करने से शरीर में फुर्ती आती है | महुआ का पेड़ वात (गैस), पित्त और कफ (बलगम) को शांत करता है, वीर्य व धातु को बढ़ाता और पुष्ट करता है, फोड़ों के घाव और … 2 से 3 ग्राम महुआ की छाल का चूर्ण दिन में 2 बार गाय के घी, दूध और चीनी के साथ पीने से पुरुष के वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है।
महुआ की शराब के फायदे MAHUA KI SARAB KE FAYDE
आज के समय मैं अनेक प्रकार की शराब पायी जाती हैं लेकिन झाबुआ में महुआ की शराब सबसे ज्यादा पाइ जाती है। यह शराब पूरी तरह से रसायन (केमिकल) से मुक्त होती है।
यह शराब एक फल से बनती है जिसे महुआ कहा जाता है। यह फल जब पेड़ से पूरी तरह से पक कर गिरता है उसके बाद इस फल को पूरी तरह से सुखाया जाता है। इसके बाद सभी फलों को बर्तन में पानी में मिलाकर ५-६ रोज तक रखा जाता है। उसके बाद उस बर्तन को आग पर गरम किया जाता है और गरम होने पर जो भाप निकलती है उसको पाइप के द्वारा दूसरे बर्तन मैं एकत्रित किया जाता है। भाप ठंडी होने पर महुआ की शराब होती है।
महुआ ट्री MAHUA KE PEDH KE BAARE ME JAANE
महुआ भारत के कई प्रान्तों में पाया जाता है, इसका वृक्ष काफी लम्बा चौड़ा होता है, (mahua treebenefits) यह गुजरात में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके पत्ते बादाम के पत्तों की तरह होते है, इनकी पत्तल बनाई जाती है। महुआ के फूल सफेद, फल कच्चे हरे, पकने पर पीले तथा सूखने पर लाल व हल्के मटमैले रंग के हो जाते हैं। इसके फूल मीठे, फल कड़वे और पकने पर मीठे हो जाते हैं। महुआ के पेड़ जंगल और पर्वतों पर पाए जाते हैं। इसके पेड़ ऊंचे और बड़े-बड़े होते हैं।
महुआ के फल MAHUA KA FRUIT KAISA HOTA HAI
महुआ के फल कच्चे हरे, पकने पर पीले तथा सूखने पर लाल व हल्के मटमैले रंग के हो जाते हैं। इसके फूल मीठे, फल कड़वे और पकने पर मीठे हो जाते हैं।
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